मंगलवार, अप्रैल 06, 2010

सोनी सर के नाम एक ख़त

आदरणीय सोनी सर, सबसे पहले मैं आपसे क्षमा चाहूँगा, की अपनी व्यस्तता के कारण मैं आपसे संपर्क नहीं कर पाया। महोदय आपने जो हमारा साथ दिया है , मैं उसके लिए आपका आभारी हूँ। गुरुमहाराज (नारायण राव) के साथ जो कुछ हुआ उसके बाद हमारा विश्वास मिडिया से उठ चूका था पर आप जैसे लोग पत्रकारिता के अच्छे पहलु को जिंदा रखे हुए हैं। मैं आपकी भावुकता का कायल हो गया हूँ।

महोदय जैसे की मैंने पहले ही बतलाया है की मैं ना कोई लेखक हूँ न ही कोई पत्रकार मैं बस एक आम छात्र हूँ जो एक दिन इत्तेफाक से बच्चों से मिला और उनकी तोतली बन्तों के मंत्र में बांध गया। आप आश्रम जा चुके हैं और बच्चों से मिल चुके हैं इसलिए आपको मुझसे बेहतर तरीके से मालूम होगा की ये बच्चे आपनी मासूमियत से किसी पर भी जादू कर सकते हैं। मैं आपसे सच कहता हूँ मुझे उन प्यारे बच्चों पर बिलकुल भी दया नहीं आती मैं उनसे प्यार करता हूँ और आज उसी प्यार ने मुझे ये सब लिखने पर मजबूर कर दिया है।

महोदय आज महीने भर से ज्यादा का वक्त गुजर गया है, जब से इन बच्चों के प्यारी सी दुनिया में ग्रहण लगा है। नारायण राव पुलीस रिमांड में हैंवो व्यक्ति जो इंसानियत की मिसाल है और जिसे लोंगो को अपनी पलकों पर बिठाना चाहिए उसे नाहक सजा काटने पर विवास किया जा रहा है। नारायण राव से बच्चों की खुशियाँ जुडी हैं, और नारायण राव और आश्रम को थोडा भी जानने वाला इंसान इस बात को अच्छी तरह से जनता है।

राजनीती ने आपने स्वार्थ के लिए मिडिया के साथ मिलकर नारायण राव को बदनाम कर दिया। हालाँकि मैं ये बात जनता हूँ की नारायण राव को जानने वाला इंसान इस खबर की सच्चाई पहचानता है।आपने गुरुकुल आश्रम के बच्चों और बच्चों के गुरुमहाराज की सच्चाई को लोगों तक पहुचने का ज़िम्मा उठाया है वो काबिलेतारीफ है और मैं बच्चों की तरफ से फिर से आपका आभार प्रकट करता हूँ। पर सर अभी भी कुछ बातें मुझे समझ में नहीं आ रही हैं - आखिर क्या वजह है की इतनी कोशिशों के बावजूद गुरुमहाराज अभी तक पुलिश रिमांड में हैं। क्यों पुलिश चलन पेश करने में इतना वक्त लगा रही है। और क्यों पुलिश की टालमटोल पर कोई सवाल नहीं कर रहा है?
सर, मैंने ब्लॉग लिखना केवल इस वजह से सुरु किया था क्योंकि मैं बच्चों और अपनी बातों को सीधा लोगों तक पहुँचाना चाहता हूँ, मेरा कोई पाठक वर्ग नहीं है, क्या आप मेरी बातों को लोगों तक पहुचने में मेरी मदद करेंगे। मैं आपके सहयोग के लिए आपका कृतज्ञ रहूँगा।

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